झारखंड का नाम लेते ही हरे-भरे जंगल, खनिज संपदा, और समृद्ध इतिहास का ध्यान आता है। लेकिन झारखंड की ( Mysterious Forts in Jharkhand )भूमि में छिपे किलों के रहस्य किसी हॉरर कहानी से कम नहीं। इन किलों की दीवारें न केवल इतिहास को समेटे हुए हैं, बल्कि इनके भीतर ऐसी अनसुलझी गाथाएं हैं जो आपको हैरान कर देंगी। आज हम आपको झारखंड के 5 सबसे रहस्यमय और डरावने किलों के बारे में बताएंगे।
पद्मा किला (Padma Fort)
हजारीबाग की खूबसूरत धरोहरों में से एक पद्मा किला, न केवल अपनी ऐतिहासिक वास्तुकला के लिए मशहूर है, बल्कि अपने रहस्यों के लिए भी जाना जाता है।कहते हैं कि इस किले के तहखाने में बेशकीमती खजाना छिपा है। राजा रामनारायण सिंह के वंशजों का यह किला कभी राजसी वैभव का प्रतीक था। किले की ऊँची दीवारें और खूबसूरत नक्काशी देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं, लेकिन यह भी माना जाता है कि यहां मौजूद सुरंगें लोगों को आज भी डराती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, किले के आसपास रात के समय अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं, और कई बार यहां अजीब घटनाएं घट चुकी हैं।
नवरत्न गढ़ किला (Navratn Garh Fort)
गुमला जिले के सिसई प्रखंड में स्थित यह किला 16वीं शताब्दी का है और इसे नागवंशी शासक दुर्जन शाह ने बनवाया था। इस किले को झारखंड का “हवेली” भी कहा जाता है। किले की हर मंजिल में 9-9 कमरे हुआ करते थे, लेकिन अब यह किला धीरे-धीरे जमीन में धंसता जा रहा है। माना जाता है कि किले के नीचे एक सुरंग मौजूद है, जिसे आपातकालीन समय में शाही परिवार के लोग इस्तेमाल करते थे। रहस्य यह भी है कि यहां खुदाई के दौरान अजीबो-गरीब वस्तुएं मिली हैं। लोगों का मानना है कि किले के खंडहरों में रात के समय कुछ अनदेखी शक्तियां विचरण करती हैं।
पिठोरिया किला (Pithoria Fort)
रांची से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित यह किला राजा जगतपाल सिंह की गाथाओं का गवाह है। यह किला मुगल कालीन वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है, लेकिन इसकी दीवारें श्राप और गद्दारी की कहानी भी सुनाती हैं। कहते हैं कि जब सावन के महीने में बारिश होती है, तो इस किले पर बिजली गिरती है और इसका कोई न कोई हिस्सा टूट जाता है। स्थानीय मान्यता है कि क्रांतिकारी विश्वनाथ साहदेव के श्राप के कारण यह किला अभिशप्त हो गया। रात के समय यहां सन्नाटा और डरावना माहौल होता है। कई लोग बताते हैं कि यहां अचानक ठंडी हवा का झोंका और अजीब सी फुसफुसाहटें सुनाई देती हैं।
रातू किला (Ratu Fort)
रांची में स्थित यह किला नागवंशी शासकों की समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है। इसे राजा प्रताप उदयनाथ सहदेव ने बनवाया था। किले में 103 कमरे हैं और हर कोने में आपको अंग्रेजों के जमाने की यादें देखने को मिलेंगी। लेकिन इस किले को रहस्यमय बनाता है बलि की प्रथा। कहा जाता है कि यहां बलि से गिरे खून को लोग अपने घर ले जाते थे, क्योंकि माना जाता था कि यह खून बीमारियों को ठीक कर देता है। रात के समय किले के आसपास किसी अदृश्य शक्ति का एहसास होता है, और कई लोगों ने यहां असामान्य घटनाओं की शिकायत की है।
नवागढ़ किला (Nawagarh Fort)
लातेहार जिले से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित यह किला चेरो राजाओं की संपत्ति का गुप्त केंद्र था। कहा जाता है कि इस किले के तहखाने में आज भी खजाना दबा हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार, किले के खंडहरों में भटकती आत्माएं रात में चीखती सुनाई देती हैं। कहा जाता है कि जो लोग रात में यहां गए, उन्होंने अजीबोगरीब छायाएं और डरावने अनुभव महसूस किए।
झारखंड के रहस्यमय किले और डरावनी कहानियां
झारखंड के ये किले इतिहास की धरोहर के साथ-साथ अनसुलझे रहस्यों और डरावनी कहानियों को भी समेटे हुए हैं। इन किलों का हर कोना किसी गाथा को बयां करता है और हर ईंट किसी रहस्य को छुपाती है। क्या आपने इनमें से किसी किले को देखा है? अगर हां, तो अपने अनुभव हमें बताएं। और अगर आप किसी और रहस्यमय किले के बारे में जानते हैं, तो कमेंट में जरूर लिखें। ध्यान रखें! इन किलों की कहानियां जितनी रोमांचक हैं, उतनी ही डरावनी भी। अगली बार जब आप इन किलों की यात्रा पर जाएं, तो खुद को तैयार रखें – हो सकता है, आपके साथ भी कुछ असामान्य हो जाए!