बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची (Birsa Agricultural University,Ranchi) | Full Information about BAU, Ranchi Jharkhand

Akashdeep Kumar
Akashdeep Kumar - Student
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Birsa Agricultural University, Ranchi : झारखंड के कृषि इतिहास में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU),रांची एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वर्ष 1981 में स्थापित यह विश्वविद्यालय कृषि, पशुपालन, और वानिकी के क्षेत्र में उन्नति के लिए समर्पित है। इसने झारखंड में हरित क्रांति का बीज बोया और पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर राज्य के किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया।

Contents
झारखंड में कृषि का परिदृश्य | Agricultural Scenario in Jharkhandस्थापना और उद्देश्य | Establishment and purposeशैक्षणिक संरचना | Academic StructureB.A.U रांची में प्रवेश कैसे लें ? | How to get Admission in B.A.U Ranchiयोग्यता | Eligibilityप्रवेश परीक्षा | Entrance ExamJCECEB परीक्षा | JCECEB Examnationकाउंसलिंग और प्रवेश | Counseling and Admissionमुख्य सुझाव | Key Tipsविश्वविद्यालय की संरचना | University Structureविश्वविद्यालय के प्रमुख योगदान | Major Contributions of the Universityआधुनिक कृषि तकनीकों का विकास | Development of Modern Agricultural Techniquesबायोटेक्नोलॉजी और बायोइन्फॉर्मेटिक्स | Biotechnology and Bioinformaticsफसल विविधीकरण और प्रशिक्षण | फसल विविधीकरण और प्रशिक्षण सामुदायिक रेडियो: ज्ञान का सेतु | Community Radio: Bridge of Knowledgeनवाचार और अनुसंधान | Innovation and Researchपुस्तकालय और प्रशिक्षण केंद्र | Library and Training Centerपर्यावरण के अनुकूल उत्पाद और रोजगार | Eco-Friendly Products and Jobs

झारखंड में कृषि का परिदृश्य | Agricultural Scenario in Jharkhand

झारखंड की भूमि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन यह राज्य आज भी पारंपरिक खेती और सीमित संसाधनों पर निर्भर है। यहां की अधिकतम आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है। इस संदर्भ में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, ,रांची ने न केवल खेती की पद्धतियों को उन्नत किया है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान किए हैं।

स्थापना और उद्देश्य | Establishment and purpose

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची की स्थापना 26 जून, 1981 को हुई थी। इसका उद्देश्य था झारखंड के पहाड़ी इलाकों के अनुकूल व्यावहारिक और किफायती कृषि तकनीक विकसित करना। विश्वविद्यालय ने छोटानागपुर और संथाल परगना क्षेत्रों के किसानों की मदद के लिए समर्पित प्रयास किए हैं। इसके मुख्य उद्देश्य थे:
▪️किसानों को तकनीकी ज्ञान और नवाचार से सशक्त बनाना।
▪️पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ना।
▪️अनुसंधान और शिक्षा के माध्यम से सतत कृषि विकास को बढ़ावा देना।
▪️आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों की आर्थिक उन्नति में योगदान देना।

शैक्षणिक संरचना | Academic Structure

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची में विभिन्न संकाय और कॉलेज शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं:

कृषि संकाय, रांची (Faculty of Agriculture, Ranchi) : यह संकाय कृषि विज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है।

पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन संकाय, रांची (Faculty of Veterinary Science and Animal Husbandry, Ranchi): यहां पशु चिकित्सा और पशुपालन के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान किया जाता है।

वानिकी संकाय, रांची (Faculty of Forestry,Ranchi): यह संकाय वानिकी और पर्यावरण विज्ञान में विशेषज्ञता प्रदान करता है।

बायोटेक्नोलॉजी कॉलेज, रांची (Biotechnology College, Ranchi): यहां जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नत शिक्षा दी जाती है।

मत्स्य विज्ञान कॉलेज, गुमला (College of Fisheries Science, Gumla): यह कॉलेज मत्स्य पालन और संबंधित क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करता है।

कृषि व्यवसाय प्रबंधन केंद्र, रांची (Center for Agribusiness Management, Ranchi) : यहां कृषि व्यवसाय प्रबंधन में पाठ्यक्रम संचालित होते हैं।

कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज, रांची (Agricultural Engineering College, Ranchi): यह कॉलेज कृषि इंजीनियरिंग में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है।

डेयरी प्रौद्योगिकी कॉलेज, दुमका (Dairy Technology College, Dumka): यहां डेयरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा दी जाती है।

कृषि कॉलेज, गढ़वा (Agriculture College, Garhwa): यह कॉलेज कृषि शिक्षा के लिए समर्पित है।

तिलका मांझी कृषि कॉलेज, गोड्डा (Tilka Manjhi Agriculture College, Godda): यहां कृषि विज्ञान में शिक्षा प्रदान की जाती है।

रवींद्रनाथ टैगोर कृषि कॉलेज, देवघर (Rabindranath Tagore Agriculture College, Deoghar): यह कॉलेज कृषि शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है।

बागवानी कॉलेज, पश्चिम सिंहभूम (Horticulture College, West Singhbhum): यहां बागवानी और संबंधित क्षेत्रों में शिक्षा दी जाती है।

B.A.U रांची में प्रवेश कैसे लें ? | How to get Admission in B.A.U Ranchi

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU), रांची में प्रवेश पाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

योग्यता | Eligibility

  • स्नातक (UG) कोर्स: 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी/मैथ्स (कोर्स के अनुसार) शामिल हों।
  • स्नातकोत्तर (PG) कोर्स: संबंधित विषय में स्नातक डिग्री आवश्यक है।

प्रवेश परीक्षा | Entrance Exam

  • अधिकतर स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए झारखंड कंबाइंड एंट्रेंस कॉम्पेटिटिव एग्जामिनेशन (JCECE), जो JCECE बोर्ड (JCECEB) द्वारा आयोजित होता है, देना होता है।
  • स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर चयन हो सकता है।

JCECEB परीक्षा | JCECEB Examnation

  • JCECEB परीक्षा राज्य स्तरीय है, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स/बायोलॉजी जैसे विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • यह एक ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नपत्र (MCQs) होता है।
  • आवेदन के लिए JCECEB की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर करें। आमतौर पर आवेदन मार्च-अप्रैल में शुरू होते हैं।

काउंसलिंग और प्रवेश | Counseling and Admission

  • परीक्षा पास करने के बाद JCECE काउंसलिंग में भाग लें। इसमें आपकी रैंक और प्राथमिकताओं के आधार पर सीट आवंटित की जाएगी।
  • आवश्यक दस्तावेज जमा करें, प्रवेश शुल्क का भुगतान करें, और सीट कन्फर्म करें।

मुख्य सुझाव | Key Tips

  • JCECEB की आधिकारिक वेबसाइट पर अधिसूचनाओं पर नजर रखें।
  • 11वीं और 12वीं कक्षा के विज्ञान विषयों पर ध्यान केंद्रित करके परीक्षा की अच्छी तैयारी करें।

विश्वविद्यालय की संरचना | University Structure

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची तीन प्रमुख शाखाओं में शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करता है:
कृषि विज्ञान (Agriculture): आधुनिक कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों का विकास।
पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन (Veterinary Science and Animal Husbandry): ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन और डेयरी उत्पादों को बढ़ावा देना।
वानिकी (Forestry): पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ वन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना।

इसके अंतर्गत राज्यभर में आठ कॉलेज संचालित होते हैं। 2019 में दो नए कॉलेज, कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज (रांची) और बागवानी कॉलेज (पश्चिम सिंहभूम), की स्थापना की गई।

विश्वविद्यालय के प्रमुख योगदान | Major Contributions of the University

आधुनिक कृषि तकनीकों का विकास | Development of Modern Agricultural Techniques

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने झारखंड के किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर उन्नत तकनीकों की ओर बढ़ने में मदद की। ग्रीन हाउस और टिशू कल्चर यूनिट जैसी सुविधाओं के माध्यम से उन्नत फसलों का उत्पादन किया जाता है।
ग्रीन हाउस अनुसंधान: इसमें विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों पर शोध किया जाता है।
टिशू कल्चर यूनिट: पौधों की नई प्रजातियों के विकास और उत्पादन में सहायक।

बायोटेक्नोलॉजी और बायोइन्फॉर्मेटिक्स | Biotechnology and Bioinformatics

यहां जैव प्रौद्योगिकी और बायोइन्फॉर्मेटिक्स पर विशेष ध्यान दिया गया है।
राइजोबियम पर शोध: अम्लीय मिट्टी में फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए राइजोबियम जीवाणु पर शोध।
स्ट्रॉबेरी उत्पादन: किसानों को नई फसलों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जैसे स्ट्रॉबेरी की खेती।

फसल विविधीकरण और प्रशिक्षण | फसल विविधीकरण और प्रशिक्षण

हॉर्टिकल्चर विभाग के माध्यम से फल, सब्जियां, मसाले, और फूलों की खेती को प्रोत्साहित किया जाता है। किसानों को फसल विविधीकरण की तकनीक सिखाई जाती है। पोमोलॉजी (फल उत्पादन) और ग्राफ्टिंग तकनीकों पर विशेष ध्यान।
मशरूम उत्पादन: विश्वविद्यालय की मशरूम यूनिट में बटन और ऑयस्टर मशरूम की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है।

सामुदायिक रेडियो: ज्ञान का सेतु | Community Radio: Bridge of Knowledge

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची का सामुदायिक रेडियो दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए एक प्रभावी साधन है। यह रेडियो किसानों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार जानकारी प्रदान करता है।
प्रमुख कार्यक्रम:फसल उत्पादन, मौसम की जानकारी, उर्वरकों के उपयोग और सिंचाई तकनीकों पर आधारित।
विशेषताएं:
▪️सरल भाषा में जानकारी।
▪️क्षेत्रीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम।
▪️पशुपालन और डेयरी विकास

विश्वविद्यालय का पशु चिकित्सा केंद्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में सहायक है।
डेयरी यूनिट: उच्च गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन की तकनीक।
पोल्ट्री फार्म: आधुनिक मुर्गी पालन पद्धतियों का प्रशिक्षण।
सूअर पालन और बकरी प्रशिक्षण केंद्र: झारखंड के किसानों के लिए पशुपालन में आय बढ़ाने के नए अवसर।

नवाचार और अनुसंधान | Innovation and Research

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची ने नवाचार और अनुसंधान को प्राथमिकता दी है।
कृषि प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (TRC):
▪️मिर्च की गुणवत्ता परीक्षण।
▪️चावल की सुगंध और दालों की गुणवत्ता जांच।
▪️जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उर्वरक निर्माण।
स्टार्टअप और उद्यमिता:
बिजनेस प्लानिंग एंड डेवलपमेंट यूनिट: ग्रामीण युवाओं और किसानों को स्टार्टअप शुरू करने में सहायता।

पुस्तकालय और प्रशिक्षण केंद्र | Library and Training Center

विश्वविद्यालय का पुस्तकालय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान का भंडार है। यहां कृषि, पशुपालन और वानिकी से संबंधित नवीनतम शोध पत्र और पुस्तकें उपलब्ध हैं।
कृषक भवन: किसानों के प्रशिक्षण के दौरान ठहरने के लिए।
दामोदर अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह: वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए।

पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद और रोजगार | Eco-Friendly Products and Jobs

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची ने गोबर से बने उत्पादों जैसे फोन स्टैंड, दीया, अगरबत्ती और वॉल क्लॉक का निर्माण शुरू किया है। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है।
स्थानीय बीज और शहद: पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीक का संगम।
भविष्य की योजनाएं
▪️बिरसा कृषि विश्वविद्यालय सतत विकास और ग्रामीण सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है।
▪️अधिक से अधिक किसानों को प्रशिक्षण देना।
▪️जैविक खेती को बढ़ावा देना।
▪️अनुसंधान के माध्यम से उन्नत कृषि तकनीकों का विकास।

Official Website of B.A.U Ranchi : https://www.bauranchi.org/

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची झारखंड के किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए एक आशा का केंद्र है। यह न केवल आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देता है।
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By Akashdeep Kumar Student
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जोहार ! मेरा नाम आकाशदीप कुमार है और मैं यहाँ झारखंड राज्य से संबंधित लेख लिखता हूँ | मैं आपका स्वागत करता हूँ jharkhandcircle.in पर, यहाँ आपको झारखंड राज्य से जुड़ी सभी जानकारियाँ मिलेंगी। जैसे कि Daily Top News of jharkhand, Jobs, Education, Tourism और Schemes। यह साइट केवल झारखंड राज्य को समर्पित है और मेरा लक्ष्य है कि आपको झारखंड राज्य की सभी जानकारियाँ एक ही स्थान पर मिलें। धन्यवाद।
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