Lance Naik Albert Ekka: भारत की मिट्टी ने हमेशा ऐसे वीरों को जन्म दिया है, जिन पर केवल देश ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व गर्व करता है। इन्हीं वीर सपूतों में से एक थे लांस नायक अल्बर्ट एक्का, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से इतिहास के पन्नों पर अपना नाम अमर कर दिया। उनका बलिदान और शौर्य 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ। यह कहानी सिर्फ एक सैनिक की नहीं, बल्कि उस जज़्बे और बलिदान की है, जो भारत के हर कोने में वीरता की अलख जगाता है। आइए, उनकी वीर गाथा को विस्तार से जानते हैं।
अल्बर्ट एक्का के बारे में | About Lance Naik Albert Ekka
लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 को झारखंड राज्य के गुमला जिले के एक छोटे से गांव जरी में हुआ था। झारखंड, जिसे ‘झाड़ियों और जंगलों की भूमि’ कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वीर आदिवासी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।

अल्बर्ट का परिवार एक साधारण आदिवासी परिवार था। उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माता का नाम मरियम एक्का था। बचपन से ही अल्बर्ट तीर-धनुष चलाने और शिकार में रुचि रखते थे। उनके भीतर कूट-कूट कर भरी यह दक्षता आगे चलकर उन्हें एक बेहतरीन सैनिक बनाने में सहायक साबित हुई।उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी सी स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। अल्बर्ट एक्का के पुत्र का नाम विंसेंट एक्का है. अप्रैल 2021 में उनकी पत्नी बलमदीना एक्का का निधन हो गया.
शिक्षा और खेल में रुचि | Albert Ekka Interest in Education and Sports
अल्बर्ट की प्रारंभिक शिक्षा गुमला जिले के एक स्थानीय स्कूल में हुई। पढ़ाई के साथ-साथ वे हॉकी में भी बेहद निपुण थे। उनके नेतृत्व में स्कूल की टीम ने कई टूर्नामेंट जीते। खेल के मैदान में उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें दूसरों से अलग बना दिया।
सैनिक बनने की ओर पहला कदम | First step towards becoming a soldier
झारखंड के युवाओं में सेना में जाने का जुनून हमेशा से रहा है। अल्बर्ट ने भी जब गांव में छुट्टियों पर आए सैनिकों की कहानियां सुनीं, तो उनके मन में भी देश सेवा का सपना जाग उठा। उन्होंने 20 वर्ष की उम्र में, अपने जन्मदिन के दिन 27 दिसंबर 1962 को भारतीय सेना में भर्ती होकर इस सपने को साकार किया।
शुरुआत में उन्होंने बिहार रेजीमेंट में सेवा की। बाद में, उन्हें 14 गार्ड्स रेजीमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया। सेना में उनकी अनुशासनप्रियता और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें जल्द ही ‘लांस नायक’ की पदवी तक पहुंचा दिया।
1971 का युद्ध और लांस नायक अल्बर्ट एक्का की वीरता | The war of 1971 and the valor of Lance Naik Albert Ekka
1971 का भारत-पाक युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह युद्ध पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से, जिसे अब बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है, के स्वतंत्रता संग्राम का परिणाम था।

3 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध छिड़ा। गंगासागर नामक सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कब्जा करना भारतीय सेना के लिए अत्यंत आवश्यक था। दुश्मन पूरी तैयारी के साथ था और अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए था।
अखौरा नामक स्थान पर पाकिस्तानी सेना ने मशीन गन और टैंक रोधी मिसाइलों के साथ भारतीय सेना की बढ़त रोकने का पूरा प्रबंध कर रखा था। भारतीय सेना के लिए यह मिशन लगभग आत्मघाती था।
अल्बर्ट एक्का का अदम्य साहस | Albert Ekka’s indomitable courage
युद्ध के दौरान, लांस नायक अल्बर्ट एक्का ने महसूस किया कि दुश्मन की मशीन गनों को शांत किए बिना भारतीय सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अपने साथियों की जान बचाने और मिशन को सफल बनाने के लिए उन्होंने खुद आगे बढ़ने का फैसला किया।

गोलियों की बौछार और माइंस के बीच से गुजरते हुए, उन्होंने दुश्मन के बंकर पर हमला किया। एक छेद के जरिए उन्होंने बंकर में हथगोला फेंका, जिससे कई दुश्मन सैनिक मारे गए। लेकिन बंकर के अंदर से अभी भी गोलियां चल रही थीं। इसके बाद अल्बर्ट एक्का ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया। वे अकेले ही बंकर में कूद गए और दुश्मनों से आमने-सामने की लड़ाई लड़ी। संगीन और बंदूक के बट का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सभी दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया।
हालांकि, इस वीरता के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए और अंततः देश के लिए शहीद हो गए। लेकिन उनकी इस बहादुरी ने गंगासागर पर कब्जा करना और ढाका तक भारतीय सेना की बढ़त को संभव बना दिया।
सम्मान और यादें | Honors and Memories
लांस नायक अल्बर्ट एक्का को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी वीरता को न केवल भारत, बल्कि बांग्लादेश ने भी सराहा और उन्हें फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर ऑनर से नवाजा। वे पहले आदिवासी सैनिक थे, जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी यह उपलब्धि न केवल झारखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।
झारखंड और अल्बर्ट एक्का की विरासत | Jharkhand and the legacy of Albert Ekka

अल्बर्ट एक्का का नाम आज भी झारखंड और भारतीय सैन्य इतिहास में चमकता हुआ सितारा है। उनका गांव जरी और उनकी वीरता की कहानियां झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। झारखंड के लोग, जो अपनी संस्कृति और परंपराओं से गहराई से जुड़े हुए हैं, अल्बर्ट एक्का जैसे सपूत पर गर्व करते हैं। झारखंड सरकार ने उनकी याद में कई स्मारक बनाए हैं, और उनकी गाथा को हमेशा जीवित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। लांस नायक अल्बर्ट एक्का की गाथा हमें यह सिखाती है कि सच्चा साहस और देशभक्ति किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानती। उनकी वीरता हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
FAQs Related to Lance Naik Albert Ekka born?
Q. लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म कब और कहां हुआ? | When and where was Lance Naik Albert Ekka born?
लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 को झारखंड के गुमला जिले के जरी गांव में हुआ था।
Q. अल्बर्ट एक्का को किस युद्ध में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया? | In which war was Albert Ekka awarded the Param Vir Chakra?
अल्बर्ट एक्का को 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनकी वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
Q. अल्बर्ट एक्का का परिवार किस समुदाय से संबंधित था? | Which community did Albert Ekka’s family belong to?
अल्बर्ट एक्का का परिवार आदिवासी समुदाय से संबंधित था।
Q. अल्बर्ट एक्का ने भारतीय सेना में कब भर्ती ली थी? | When did Albert Ekka join the Indian Army?
अल्बर्ट एक्का ने 27 दिसंबर 1962 को भारतीय सेना में भर्ती ली थी।
Q. अल्बर्ट एक्का की शिक्षा कहां पूरी हुई थी? | Where did Albert Ekka complete his education?
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुमला जिले के स्थानीय स्कूल में हुई थी।
Q. अल्बर्ट एक्का ने किस रेजीमेंट में अपनी सेवा शुरू की? | In which regiment did Albert Ekka start his service?
उन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवा बिहार रेजीमेंट से शुरू की।
Q. 1971 के युद्ध में अल्बर्ट एक्का की भूमिका क्या थी? | What was Albert Ekka’s role in the 1971 war?
1971 के युद्ध में अल्बर्ट एक्का ने दुश्मन के बंकर पर हमला कर उसे ध्वस्त किया और अपनी बहादुरी से गंगासागर क्षेत्र पर कब्जा सुनिश्चित किया।
Q. बांग्लादेश ने अल्बर्ट एक्का को कौन-सा सम्मान दिया? Which honor did Bangladesh confer upon Albert Ekka?
बांग्लादेश ने उन्हें ‘फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर ऑनर’ से सम्मानित किया।
Q. अल्बर्ट एक्का की वीरता का सबसे बड़ा उदाहरण क्या है? | What is the biggest example of Albert Ekka’s bravery?
अल्बर्ट एक्का ने दुश्मन के बंकर में अकेले घुसकर आमने-सामने की लड़ाई में दुश्मनों को परास्त किया और देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
Q. अल्बर्ट एक्का की स्मृति को जीवित रखने के लिए कौन से प्रयास किए गए हैं? | What efforts have been made to keep the memory of Albert Ekka alive?
झारखंड सरकार ने उनकी याद में कई स्मारक बनाए हैं, और उनका गांव जरी झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
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झारखंड की भूमि पर जन्मे इस अमर सपूत को हमारा शत-शत नमन!