आज आप , इस पोस्ट में आप पढ़ने जा रहे है , झारखण्ड के राज्य संग्रहालय ( State Museum of jharkhand ) के बारे में। संग्रहालय राज्य का आईना है। राज्य के पुरावशेषों, प्राचीन मूर्तियों, कई प्रकार के शिल्प, उत्खनन से प्राप्त कई दुर्लभ सामग्रियों का यहाँ खजाना है। राज्य के गठन के नौ साल बाद 2009 में इसकी स्थापना की गई थी।
संग्रहालय की स्थापना कब की गयी थी ? – When was the Jharkhand State museum established ?
संग्रहालय की स्थापना 1974 में की गई थी। 2009 से पहले तक यह मोरहाबादी के जनजातीय शोध संस्थान में ही चलता था। वहाँ पर एक बड़ा हॉल था, जिसमें किसी तरह से पुरावशेषों को प्रदर्शित किया गया था। अब इसका अपना भवन होटवार में है, जो काफी विशाल और खूबसूरत है। संग्रहालय के नए भवन का उद्घाटन 10 सितंबर, 2009 को महामहिम उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने किया था।
संग्रहालय में संस्कृति एवं इतिहास दिखाया गया है – Culture and history are displayed in the Jharkhand State museum
संग्रहालय में संस्कृति एवं इतिहास के, विशेषकर झारखंड से संबंधित, विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है, इसमें कई दीर्घाएँ हैं। जनजातीय दीर्घा में झारखंड की जनजातियों की जीवन-शैली, सांस्कृतिक परिवेश को मॉडल और वास्तविक सामग्रियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इसमें उनके गहने, वाद्ययंत्र, हथियार, तीर-धनुष को प्रदर्शित किया गया है।
32 जनजातियों की जीवन शैली को दिखाया है – Shows the lifestyle of 32 tribes in the Jharkhand State museum
राज्य में कुल 32 जनजातियाँ निवास करती हैं, जिनमें तीन जातियों की जीवन-शैली को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया है। प्रस्तर मूर्ति दीर्घा में पूर्व मध्यकालीन प्रस्तर मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें सूर्य, पार्वती, जैन, बौद्ध, महिषासुरमर्दिनी, गणेश, यक्ष-यक्षी, दशावतार पैनल, लोकेश्वर विष्णु, सहस्र बुद्ध, हनुमान, मनौती स्तूप, कार्तिकेय, काम विषयक अंकनयुक्त चौखट आदि प्रदर्शित किए गए हैं।
उत्खनन से प्राप्त पुरावशेषों को विविध दीर्घा के अंतर्गत प्रदर्शित किया गया है – The antiquities obtained from the excavation have been displayed in the miscellaneous gallery in Jharkhand state museum
इसके अलावा मृदभांड, मृण मूर्तियाँ, प्रागैतिहासिक प्रस्तर उपकरण, उत्खनन से प्राप्त पुरावशेषों को विविध दीर्घा के अंतर्गत प्रदर्शित किया गया है। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो के समय के मृदभांड एवं खुखरागढ़, कबरा कला आदि में उत्खनन से प्राप्त अवशेष भी यहाँ रखे गए हैं। खुखरागढ़ से 11वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी तक के सिक्के मिले हैं। संग्रहालय में पत्थर के औजार भी हैं |
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पुरावशेषों की अद्भुत झलक राज्य म्यूजियम में देखने को मिलती है। जब भी आपको मौका मिले, इस म्यूजियम का दौरा अवश्य करें। यहां पर बहुत सारी रोचक और ज्ञानवर्धक चीजें देखने और सिखने को मिलेंगी। यह म्यूजियम ऐतिहासिक धरोहरों से भरपूर है और आपको अतीत के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर प्रदान करेगा।
जोहार!